Principal’s Message

Principal’s Message

Dr. Dharmendra Kumar Dwivedi
[ Principal ]

इनमे पोस्ट ग्रेजुएट एवं ग्रेजुएट स्तर पर नये रोजगारन्मुखी पाट्ठ्यक्रमों का स्ववित्तीय आधार पर आरंभ करना, प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु कोचिंग कक्षाओं का आयोजन तथा ग्रंथालय में प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित पुस्तकों का क्रय, काउंसिलिंग आधारित पीजी कक्षाओं में प्रवेश, स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना; कैंटीन तथा बालक छात्रावस का उन्नयन आदि प्रमुख हैं | महाविद्द्यालय की विकास यात्रा में नवगठित जनभागीदारी समिति का महत्त्वपूर्ण योगदान है | समस्त सदस्यों के सकारात्मक सहयोग के लिए मैं उन सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ | गत वर्षों की उपलब्धियों एवं दैनिक पठन पाठन गतिविधियों में निरंतर सहयोग के लिए मैं महाविद्द्यालय परिवार के प्रत्येक सदस्य को धन्यवाद देता हूँ तथा वर्तमान नए शिक्षण सत्र में पुनः इसी प्रकार के रचनात्मक सहयोग की अपील करता हूँ | आज का युग प्रतियोगिता का युग है | कठिन परिश्रम, इमानदारी एवं दिशायुक्त प्रयास से ही विद्द्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं | आशा है महाविद्द्यालय के सभी विद्द्यार्थी इन बातों पर अमल कर महाविद्द्यालय का नाम रोशन करेंगे | इस वर्ष गठित होने वाले छात्रसंग के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों से भी मेरी अपील है की महाविद्द्यालय की विकास यात्रा में कन्धा से कन्धा मिलाकर सहयोग दें, जिससे हमारा महाविद्द्यालय न केवल MP अपितु देश के प्रतिष्ठित महाविद्द्यालय के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सके |