शहडोल:” उद्यमिता विकास ही किसी राष्ट्र के विकास का आधार है “- डॉ. अंजनी सूर्यवंशी
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सच की राह पर
(अजय केवट)
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शहडोल। मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश भोपाल एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान के परिपालन में आज 21 अगस्त 2023 को शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर में ‘विश्व उद्यमिता दिवस’ पर एक दिवसीय कार्यशाला में उद्यमिता विकास विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया।
कार्यशाला महाविद्यालय के संस्था प्रमुख डॉ धर्मेंद्र कुमार द्विवेदी के कुशल मार्गदर्शन में एवं कार्यक्रम प्रभारी डॉ. मंगल सिंह अहिरवार सहायक प्राध्यापक, हिंदी के नेतृत्व में संपन्न हुई। इस कार्यक्रम में आमंत्रित मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में पंडित शंभूनाथ शुक्ला शहडोल मध्य प्रदेश से पधारे डॉक्टर अंजनी सूर्यवंशी सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र ने विश्व उद्यमिता दिवस को केंद्र में रखते हुए उद्यमिता विकास पर अपने विचार रखें उन्होंने राष्ट्र निर्माण में उद्यमिता विकास को सर्वोपरि आधार माना। आपने कहा ” की एक अच्छे उद्यमी बनने के लिए परिश्रम सर्वोपरि मूल्य है।
आपने उद्यमिता की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उद्यमिता के महत्व को भी समझाया। उद्यमिता के बाधक तत्व व समस्याओं पर भी आपने विद्यार्थियों के साथ जानकारी साझा की। उद्यमिता के विकास हेतु सुझाव भी आपके द्वारा दिए गए। जिनमें प्रमुख रूप से एक उद्यमी के लिए उधम करने हेतु पर्याप्त सुविधाएं, तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा का विस्तार ,अनुकूल वातावरण का सृजन, नौकरशाही प्रवृत्तियों में सुधार, स्वरोजगार योजना शोध एवं अनुसंधान को प्रोत्साहन, अवसर की खोज वित्त प्रबंधन एवं महिला उद्योग को प्रोत्साहन की बात भी आपने कही। अगले वक्ता के रूप में आई क्यू ए सी के समन्वयक / सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र प्रो. गजेंद्र परते ने भी अपने विचार रखते हुए एक अच्छे उद्यमी के आवश्यक गुणों की चर्चा की और कहा एक सफल उद्यमी बनने के लिए उसके पास पूर्व योजना ,तकनीकी ज्ञान, भूमि, पूंजी ,लक्ष्य निर्धारण,समय प्रबंधन के साथ साथ जोखिम उठाने की क्षमता एवं सामाजिक व्यवहारिक पूर्ण दक्षता प्रमुख है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के संरक्षक / प्राचार्य महोदय ने अपने उद्बोधन में विश्व उद्यमिता दिवस पर प्रकाश डालते हुए, उद्यमिता विकास की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि पर गहन चर्चा की साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों के समग्र विकास के साथ साथ उद्यमिता विकास पर भी संभावनाएं हैं। सभी विद्यार्थी निर्धारित पाठ्यक्रम में व्यवसायिक शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु शिक्षागणो में डॉ. लवकुश दीपेंद्र, सहायक प्राध्यापक राजनीति शास्त्र, प्रो. सतीश वर्मा सहायक प्राध्यापक प्राणी शास्त्र, प्रो.उत्तम सिंह सहायक प्राध्यापक प्राणी शास्त्र, डॉ. यदुवीर प्रसाद मिश्रा, डॉ.कमलेश जायसवाल, प्रो.जसीम अहमद, प्रो. आदित्य कुमार शुक्ला, मुकेश कुमार रजक, एवं विद्यार्थियों की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मंगल सिंह अहिरवार, सहायक प्राध्यापक, हिंदी ने किया एवं आभार एवं समापन की घोषणा डॉ. लवकुश दीपेंद्र सहायक प्राध्यापक, राजनीति शास्त्र द्वारा की गई।
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